“Deep Depression Fengal” डीप डिप्रेशन फेंगल: क्या है, इसके कारण और प्रभाव

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Cyclone Fengal

डीप डिप्रेशन ‘फेंगल’ क्या है?

हाल के दिनों में, भारत और उसके पड़ोसी क्षेत्रों में मौसम से जुड़ी घटनाओं के कारण ‘डीप डिप्रेशन फेंगल’ (Deep Depression Fengal) नामक एक शब्द काफी चर्चा में रहा है। यह एक ऐसा मौसमी तंत्र है जो भारी बारिश, तेज़ हवाओं और संभावित बाढ़ जैसी आपदाओं का कारण बन सकता है। आइए समझते हैं कि यह क्या है और इसका हमारे पर्यावरण पर क्या प्रभाव पड़ता है।

Cyclone Fengal

 


डीप डिप्रेशन क्या होता है?

डीप डिप्रेशन एक उष्णकटिबंधीय मौसमी तंत्र है जो समुद्री सतह पर निम्न वायुमंडलीय दबाव (low pressure area) बनने के कारण उत्पन्न होता है। यह एक चक्रवात का प्रारंभिक चरण हो सकता है। अगर इस दबाव प्रणाली की गति और ताकत बढ़ती है, तो यह डिप्रेशन (Depression) से डीप डिप्रेशन (Deep Depression) और फिर चक्रवात (Cyclone) में बदल सकता है।


‘फेंगल’ नाम क्यों?

हर उष्णकटिबंधीय चक्रवात का नाम विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) और संबंधित देशों द्वारा रखा जाता है। फेंगल (Fengal) एक ऐसा ही नाम है जो इस प्रणाली के लिए उपयोग किया गया है। यह नाम उस क्षेत्रीय सूची से लिया गया है, जिसे विभिन्न देशों ने मिलकर तैयार किया है।


डीप डिप्रेशन फेंगल के प्रभाव

  1. तेज़ हवाएँ: फेंगल जैसे डीप डिप्रेशन के कारण हवाओं की गति 50-70 किमी प्रति घंटे तक पहुंच सकती है।
  2. भारी बारिश: ऐसे सिस्टम भारी और लगातार बारिश लाते हैं, जिससे बाढ़ और जलभराव जैसी समस्याएँ हो सकती हैं।
  3. समुद्री प्रभाव: यह तटीय क्षेत्रों में समुद्री लहरों को बड़ा और खतरनाक बना सकता है, जिससे मछुआरों और तटीय निवासियों के लिए खतरा बढ़ जाता है।
  4. कृषि पर असर: फेंगल जैसे तंत्र फसलों को भारी नुकसान पहुंचा सकते हैं, खासकर अगर बारिश अधिक दिनों तक जारी रहे।

तैयारी और बचाव

  1. मौसम की जानकारी: सरकार और मौसम विभाग द्वारा जारी चेतावनियों पर ध्यान दें।
  2. सुरक्षित स्थान पर जाएं: तटीय और निचले क्षेत्रों में रहने वाले लोग सुरक्षित स्थानों पर शरण लें।
  3. आपातकालीन किट तैयार रखें: ज़रूरी सामान, जैसे भोजन, पानी, टॉर्च, और दवाइयां तैयार रखें।
  4. सरकारी निर्देशों का पालन करें: अगर निकासी के आदेश दिए जाएं, तो उनका पालन करें।

डीप डिप्रेशन फेंगल की ताजा जानकारी

1 दिसंबर, 2024: बंगाल की खाड़ी में बने चक्रवात फेंगल ने 30 नवंबर की रात को पुडुचेरी के पास तट पर दस्तक दी। इसके कारण क्षेत्र में तेज़ हवाएँ और भारी बारिश हुई।

  • फेंगल ने रात 10:30 बजे से 11:30 बजे के बीच उत्तरी तमिलनाडु और पुडुचेरी के तटों को पार किया।
  • इस दौरान हवाओं की गति 70-80 किमी प्रति घंटा थी, जो 90 किमी प्रति घंटा तक पहुंच रही थी।
  • लैंडफॉल के बाद, फेंगल कमजोर होकर डीप डिप्रेशन में बदल गया और अब यह पश्चिम-दक्षिण पश्चिम की ओर तमिलनाडु के उत्तरी भागों में बढ़ रहा है।

प्रभाव और तैयारियां:

  • पुडुचेरी और उत्तरी तमिलनाडु में भारी बारिश के कारण जलभराव की स्थिति बनी।
  • प्रशासन ने लोगों को घर के अंदर रहने और सभी सुरक्षा निर्देशों का पालन करने की सलाह दी है।
  • किसी बड़े नुकसान या जनहानि की सूचना अभी तक नहीं मिली है।

आगे की स्थिति:
भारतीय मौसम विभाग (IMD) का कहना है कि यह डीप डिप्रेशन जल्द ही और कमजोर होकर डिप्रेशन में बदल जाएगा। हालांकि, अगले कुछ घंटों तक प्रभावित क्षेत्रों में तेज़ हवाएँ और भारी बारिश जारी रह सकती है।

निवासियों के लिए सलाह:

  1. आधिकारिक सूचनाओं पर नज़र रखें।
  2. सुरक्षित स्थानों पर रहें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।
  3. जरूरत पड़ने पर स्थानीय प्रशासन से संपर्क करें।

यह चक्रवात प्रभावित क्षेत्रों के लिए चुनौतीपूर्ण समय हो सकता है। ऐसे में सतर्क रहना और सही जानकारी पर ध्यान देना बेहद ज़रूरी है।

स्रोत:

  1. https://economictimes.com
  2. https://www.indiatoday.in
  3. https://mausam.imd.gov.in/

निष्कर्ष

डीप डिप्रेशन फेंगल जैसे मौसमी तंत्र प्राकृतिक चक्र का हिस्सा हैं, लेकिन इनके प्रभावों को कम करने के लिए हमें सतर्क रहना होगा। वैज्ञानिकों और मौसम विभाग की भविष्यवाणियों पर ध्यान देकर हम इन आपदाओं से बचने और अपने जीवन की रक्षा करने में सफल हो सकते हैं।

 

 

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